Proprietorship Firm Registration : जब भी आप कोई व्यवसाय शुरू करना चाहते है तो उसके लिए सबसे पहले आपको फर्म का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता हैं | ये व्यापार का सबसे आसान और साधारण प्रकार है प्रोप्राइटरशिप की सहायता से व्यक्ति का व्यापार उनसे नाम के अंतर्गत पंजीकृत हो जाता है, जिसकी सहायता से आदमी अपने व्यापार लाभ, खर्च आदि को अपने टैक्स रिटर्न में शामिल कर सकता है. ये दरअसल उन व्यापारियों के लिए बहुत अधिक फायदेमंद साबित होता है, जो बहुत कम पूँजी से अपने व्यापार की शुरुआत करते हैं |
इस व्यापर से होने वाला सारा लाभ और इसमें वहन होने वाले सारे नुकसान प्रोप्राइटर ही करता है ऐसा इसीलिए क्यूंकि प्रोप्राइटर शिप के अंतर्गत व्यापर में होने वाले ऋण अथवा हानि का भार स्वयं ओनर को उठाना पड़ता है. साथ ही उसके व्यापार के तहत होने वाले किसी भी तरह के अन्त्क्रमण का ज़िम्मेदार स्वयं ओनर होगा.
तो आइये इस पोस्ट ( Proprietorship Firm Registration in Hindi | Registration कैसे करें ?) के माध्यम से जानेंगे की Proprietorship Firm क्या हैं और इसका रजिस्ट्रेशन कैसे करते हैं ?
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What is Proprietorship Firm in Hindi | Proprietorship Firm क्या हैं ?
Proprietorship को एकल स्वामित्व (Sole proprietorship) भी कहते है। इसका अर्थ है- ‘एक व्यक्ति का स्वामित्व’। एक ही व्यक्ति बिजनेस/ व्यवसाय/ व्यापार का स्वामी होता है। व्यापार से संबंधित सभी काम और नियंत्रण उसके हाथ में होता है।
एकल स्वामित्व का लक्ष्य लाभ कमाना होता है। हानि होने पर स्वामी (Owner) को नुकसान उठाना पड़ता है। लाभ होने पर उसे फायदा होता है। वह अपने सभी संसाधनों को योजनाबद्ध तरह से व्यवस्थित करता है।
बिज़नेस करने के लिए Proprietorship सबसे सरल व्यापारिक रूप होता है | इसके अंतर्गत कोई भी व्यवसाय संचालित किया जा सकता है। लेकिन यहाँ ध्यान देने योग्य बात है कि Proprietorship कोई कानूनी इकाई नहीं है। यह केवल उस व्यक्ति को संदर्भित करता है जो व्यवसाय का मालिक है और अपने ऋण के लिए व्यक्तिगत रूप से ही जिम्मेदार होगा। एकल स्वामित्व फर्म भारत सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं होती, इस फर्म का स्वामित्व केवल वह व्यक्ति होता है, जो इसका संचालन करता है।
Characteristics of Sole Proprietorship | एकल स्वामित्व की विशेषताएं
- एकल स्वामित्व में व्यवसायी (Owner) की देनदारी असीमित होती है। हानि होने पर उसे अपनी निजी संपत्ति, संपदा बेचकर उधारी (देनदारी) चुकानी होती हैं।
- एकल स्वामित्व में नियंत्रण स्वामी (Owner) के हाथ में होता है। इसलिए व्यवसाय से जुड़े सभी फैसले वह स्वयं लेता है।
- एकल स्वामित्व में एक ही व्यक्ति व्यापार (व्यवसाय) में पूंजी लगाता है। वह अपने जमा किए हुए पैसों को व्यापार में लगाता है। दोस्तों, रिश्तेदारों से भी पैसा (पूंजी) लेता है। आवश्यकता पड़ने पर वह बैंक और दूसरे संस्थानों से लोन भी लेता है।
- एकल स्वामित्व वाले व्यापार में एक ही व्यक्ति मालिक होता है। इसलिए हानि लाभ उसे ही उठाना होता है। कोई और भागीदार नहीं होता है।
- एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय में एक ही व्यक्ति मालिक होता है। व्यवसाय से जुड़े सभी संपत्तियों का वह मालिक होता है। स्वामी की मृत्यु के बाद या उसकी इच्छा से व्यवसाय खत्म किया जा सकता है।
- एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय को स्थापित करना आसान है, क्योंकि इसमें एक ही व्यक्ति मालिक होता है, इसलिए कानूनी औपचारिकताएं भी कम है। एक से अधिक भागीदार वाले व्यवसाय को शुरू करने में अधिक कानूनी औपचारिकताओं की पूर्ति करनी होती है।
Proprietorship Firm Registration Process | एकल स्वामित्व फर्म रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
वैसे तो एकल स्वामित्व फर्म रजिस्ट्रेशन औपचारिक रूप से जरूरी नहीं फिर भी कुछ इसके लिए अन्य रजिस्ट्रशन करा ले तो कोई भी प्रकार की फिर परेशानी नहीं आती | आइये देखते है क्या क्या रजिस्ट्रेशन करना पड़ता हैं |
- MSME /SSI /UDYOG AADHAR पंजीकरण के तहत किए गए sole proprietorship पंजीकरण कराना पड़ता हैं|
- Shop and Establishment Act लाइसेंस सभी एकल स्वामित्व फर्म के लिए लेना पड़ता हैं |
- Goods and Services Tax (GST) पंजीकरण के लिए आवेदन करना पड़ता हैं |
- व्यवसाय शुरु करने के लिए आपको एक कार्यलय / दूकान की आवश्यकता होगी । इसके अड्रेस का प्रूफ के रूप में प्रयोग किया जायेगा |
- सरकार ने प्रोप्राइटर शिप के लिए सरकारी शुल्क न्यूमतम 500 रूपए तथा व्यापारिक शुल्क न्यूनतम 2500 रूपए का निर्धारित किया है | इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है |
Proprietorship Firm Registration के लिए क्या क्या डॉक्यूमेंट की जरुरत हैं ?
जब भी हम एकल स्वामित्व फर्म का रजिस्ट्रेशन करना चाहते है तो इसके लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज़ लगाना ज़रुरी होते है। जो कि निम्नलिखित है –
- पैन कार्ड और उसकी प्रतिलिपि
- एड्रेस प्रूफ
- ड्राइविंग लाइसेंस
- बिज़नेस/ फर्म का नाम
- बिज़नेस एड्रेस प्रूफ जैसे- इलेक्ट्रिसिटी बिल, टेलीफ़ोन बिल, टैक्स बिल, गैस बिल
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- बैंक account स्टेटमेंट
- तात्कालिक अकाउंट डिटेल जैसे VAT, CST आदि
How to register for Proprietorship Firm Registration | एकल स्वामित्व के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें
- व्यवसाय का नाम चुने (जिस नाम से आपका व्यवसाय शुरू किया जाएगा)
- व्यवसाय शुरू करने के लिए एक जगह का चुनाव कर ले।
- व्यवसाय के नाम से भुगतान पाने के लिए आपको बैंक में करंट अकाउंट (Current Account) खोलना होगा। इसके साथ ही आपको अपने व्यवसाय के सबूत दिखाने होंगे जिससे बैंक को पता चले कि आपका व्यवसाय सच में गतिमान है।
- आपको अपने व्यवसाय के लिए पैन कार्ड बनवाना होगा और साथ ही एड्रेस प्रूफ भी देना होगा (Pan card and ID for address proof of proprietor) बिजनेस ऐड्रेस प्रूफ (Business Adress Proof) के लिए आप अपने नाम से बिजली का बिल या रजिस्टर्ड रेंटल एग्रीमेंट भी दे सकते हैं।
- अपने उद्योग के रजिस्ट्रेशन के कागजात, लाइसेंस, सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन, वैट/जीएसटी (registration documents confirming name and address of business , shop establishment license, service tax registration, VAT/GST etc) जैसे कागजात को देना होगा।
- सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र भी आपको देना होगा। (CA Certificate)
Advantages of Proprietorship | प्रोप्राइटरशिप का लाभ
- एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय का यह लाभ है कि यह स्वरोजगार देता है। इसके साथ ही यह दूसरे लोगों को रोजगार देता है।
- इसमे व्यवसाय स्वामी (Owner) का ग्राहकों और कर्मचारियों से घनिष्ठ संबंध बना रहता है, क्योंकि वह सीधे सभी के संपर्क में रहता है।
- एकल स्वामित्व वाले व्यवसाय में स्वामी ही सभी योजनाएं बनाता है। वह अपने भविष्य की योजनाएं किस सेवा या प्रोडक्ट को लॉन्च करना है जैसी गुप्त जानकारियां छुपा कर रखता है।
- एकल स्वामित्व वाले व्यापार में स्वामी का नियंत्रण सभी कार्यों पर बना रहता है। नई योजनाओं को बनाना और उसे लागू करना- हर जगह वह अपनी इच्छा अनुसार काम करवाता है।
- प्रोप्राइटर शिप किसी फॉर्मल कारपोरेशन की स्थापना से यह बहुत आसान और सस्ता है |
- इसके लिए प्रोप्राइटर को अलग से किसी व्यापार टैक्स रिपोर्ट की फाइल रखने अथवा बनाने की ज़रुरत नहीं होती. इसकी जगह प्रोप्राइटर अपने व्यक्तिगत टैक्स रिटर्न में अपने व्यापार की सभी जानकारियां दे सकता है.
Disadvantages of Proprietorship | प्रोप्राइटरशिप की कमियां |
किसी भी व्यापार में किसी न किसी तरह के रिस्क होने आम बात हैं. प्रोप्राइटर शिप में भी कुछ ऐसे जोखिम निहित है. नीचे इसकी कुछ कमियों पर चर्चा की जा रही है :
- Proprietorship Firm Registration किसी भी तरह की हानि होने पर इसकी जिम्मेवारी सीधे मालिक के सर पर जाती है अर्थात कंपनी यदि घाटे में जाए तो इस घाटे को सिर्फ एक आदमी (मालिक) उठाता है |
- यद्यपि इसमें टैक्स की सुविधा है, किन्तु इसमें मालिक को अपने जेब से सारे स्वरोजगार कर भरने होते हैं |
- यदि किसी तरह से मालिक बीमार पड़ जाता है अथवा मालिक की मृत्यु हो जाती है तो कंपनी बंद हो जाती है. ऐसी परिस्थिति में व्यापार ‘लिक्वीडेट’ हो जाता है और सभी लाभार्थियों में बाँट दिया जाता है.
- यद्यपि शुरुआती समय में मालिक अपनी पूँजी लगा कर शुरू तो करता है, किन्तु कालांतर में पूंजी की आवश्यकता पड़ने पर मालिक दिक्कत में पड़ जाता है और कभी कभी पूंजी के अभाव में कंपनी बंद करने की नौबत आ जाती है|
Frequently Asked Questions | FAQs Proprietorship Firm Registration
Proprietorship Firm Registration क्या है?
एकल स्वामित्व फर्म पंजीकरण एकल व्यक्ति फर्म पंजीकरण है यानी मुख्य उद्देश्य व्यवसाय के नाम पर चालू बैंक खाता खोलना है, इसलिए यह एक साधारण फर्म है जो कम अनुपालन और कम लागत के साथ भारत में व्यापार करने में सक्षम है।
क्या प्रोपराइटरशिप फर्म का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है?
नहीं, एकल स्वामित्व पंजीकरण अनिवार्य नहीं है। यह वैकल्पिक है कि कोई व्यक्ति अपना एकमात्र स्वामित्व पंजीकृत करना चाहता है या नहीं। हालाँकि, यदि आप अपने व्यवसाय के नाम पर बैंक खाता खोलने का इरादा रखते हैं, तो बैंक एकमात्र स्वामित्व पंजीकृत कराने पर जोर देते हैं, लेकिन कानून के अनुसार – यह अनिवार्य नहीं है।
प्रोपराइटरशिप फर्म के लिए क्या आवश्यक है?
फर्म पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज
एकमात्र मालिक का पैन कार्ड। आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट आदि के रूप में एकमात्र मालिक का आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ। रेंट एग्रीमेंट, अनापत्ति प्रमाणन या उस संपत्ति का बिजली बिल जहां आप व्यवसाय पंजीकृत करना चाहते हैं।
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